पैसा ज़िन्दगी का अहम हिस्सा होता है , जिसे नकारना संभव नहीं है . जो पैसे की अहमियत नकारने का प्रयास करते है वो सिर्फ शुतुरमुर्ग हो सकते है और उनका इस आर्थिक युग में क़त्ल होना तय है .
जब आप पैसे का प्रबंध करना शुरू कर देते है तो आपके हाथ में स्वतः निर्णय लेने और उन्हें क्रियान्वित करने के अधिकार आ जाते है ,कल तक जो पैसा आपकी कंडीशनिंग ( पोस्ट 91,92 और 96 देखें) के अनुसार खुद कार्य कर रहा था वो अब आपकी प्लानिंग ( पोस्ट 112 ,114 ,115 ,116 ,117 और 118 ) के अनुसार कार्य करेगा . ध्यान रखें अधिकार हमेशा जिम्मेदारिया उठाने पर मिलते है तो इन अधिकारों का सर्वोत्तम उपयोग करने के लिए आपको स्वयं को सचेत और सक्रिय रखना पड़ेगा . जैसा कि मेरी पोस्ट 69 में मैंने पैसे और वित्तीय बुद्धि के सम्बन्धो पर बताया था , जब आप अपने पैसे को प्रबंधित करने लगते है तो आप अपने कदम वित्तीय बुद्धि हासिल करने की तरफ बढ़ाने लगते है , जैसे-जैसे आप अपने पैसे को प्रबंधित करते जायेंगे आप निपुणता पाते जायेंगे .
चूँकि अब आप के पास जीवन के हर क्षेत्र के लिए अलग-अलग खाते है जिनमे आप निश्चित प्रतिशत के अनुसार बचा रहे है तो किसी भी क्षेत्र में आप कमजोर, अव्यवस्थित नहीं है , आपकी वित्तीय स्थिति धीरे-धीरे संतुलित ,सुव्यवस्थित होती जा रही है जो आपको आत्मविश्वास दे रही है ,नई तरह की सफलता की ओर बढ़ा रही है ,आपके साथ-साथ आपका पैसा बोलने लगता है जो आपको आज वित्तीय संतुलन दे रहा है और अगर आप खुद को व्यवस्थित रख पाते है तो अंततः वित्तीय स्वतंत्रता दिलाएगा.
जब आप संसार के सबसे जंगली घोड़े की सवारी करना सीख जाते है तो फिर चाहे पहाड़ हो, मैदान हो या घाटियाँ आप हर जगह निर्भय हो जाते है ठीक यही बात पैसे के साथ लागू होती है. जीवन में पैसे से जंगली कुछ नहीं हो सकता - जब ये होता है तो इंसान पागल हो जाता है और जब ये नहीं होता तो भी पागल हो जाता है अगर आपने इसे साधना सीख लिया तो आप संसार के उन चंद सौभाग्यशाली लोगों में होंगे जो जवानी के बाद बुढ़ापे में भी अपने परिवार के साथ हंसी-ख़ुशी से रहते है और जिनके जीवन के सारे क्षेत्र हवा में बातें करते है. अगर आपने इसे साधना नहीं सीखा है तो आप संसार के उन अधिकांश दुर्भाग्यशाली लोगों में होंगे जिन्हे जवानी के बाद बुढ़ापे में भी मजबूरी में काम करना पड़ता है ,अपने सम्मान को खोते हुए अपने परिवार के साथ रहना पड़ता है या वृद्धाश्रम में अपनी मौत का इंतज़ार करना पड़ता है . ये आप पर है कि आप अपना शुमार चंद लोगों में करवाना चाहते है या अधिकांश लोगों में .
- सुबोध
www.saralservices.com
( one sim all recharge , MLM )
मेरी पुरानी और ताज़ा पोस्ट पढ़ने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें
http://saralservices.blogspot.in/
जब आप पैसे का प्रबंध करना शुरू कर देते है तो आपके हाथ में स्वतः निर्णय लेने और उन्हें क्रियान्वित करने के अधिकार आ जाते है ,कल तक जो पैसा आपकी कंडीशनिंग ( पोस्ट 91,92 और 96 देखें) के अनुसार खुद कार्य कर रहा था वो अब आपकी प्लानिंग ( पोस्ट 112 ,114 ,115 ,116 ,117 और 118 ) के अनुसार कार्य करेगा . ध्यान रखें अधिकार हमेशा जिम्मेदारिया उठाने पर मिलते है तो इन अधिकारों का सर्वोत्तम उपयोग करने के लिए आपको स्वयं को सचेत और सक्रिय रखना पड़ेगा . जैसा कि मेरी पोस्ट 69 में मैंने पैसे और वित्तीय बुद्धि के सम्बन्धो पर बताया था , जब आप अपने पैसे को प्रबंधित करने लगते है तो आप अपने कदम वित्तीय बुद्धि हासिल करने की तरफ बढ़ाने लगते है , जैसे-जैसे आप अपने पैसे को प्रबंधित करते जायेंगे आप निपुणता पाते जायेंगे .
चूँकि अब आप के पास जीवन के हर क्षेत्र के लिए अलग-अलग खाते है जिनमे आप निश्चित प्रतिशत के अनुसार बचा रहे है तो किसी भी क्षेत्र में आप कमजोर, अव्यवस्थित नहीं है , आपकी वित्तीय स्थिति धीरे-धीरे संतुलित ,सुव्यवस्थित होती जा रही है जो आपको आत्मविश्वास दे रही है ,नई तरह की सफलता की ओर बढ़ा रही है ,आपके साथ-साथ आपका पैसा बोलने लगता है जो आपको आज वित्तीय संतुलन दे रहा है और अगर आप खुद को व्यवस्थित रख पाते है तो अंततः वित्तीय स्वतंत्रता दिलाएगा.
जब आप संसार के सबसे जंगली घोड़े की सवारी करना सीख जाते है तो फिर चाहे पहाड़ हो, मैदान हो या घाटियाँ आप हर जगह निर्भय हो जाते है ठीक यही बात पैसे के साथ लागू होती है. जीवन में पैसे से जंगली कुछ नहीं हो सकता - जब ये होता है तो इंसान पागल हो जाता है और जब ये नहीं होता तो भी पागल हो जाता है अगर आपने इसे साधना सीख लिया तो आप संसार के उन चंद सौभाग्यशाली लोगों में होंगे जो जवानी के बाद बुढ़ापे में भी अपने परिवार के साथ हंसी-ख़ुशी से रहते है और जिनके जीवन के सारे क्षेत्र हवा में बातें करते है. अगर आपने इसे साधना नहीं सीखा है तो आप संसार के उन अधिकांश दुर्भाग्यशाली लोगों में होंगे जिन्हे जवानी के बाद बुढ़ापे में भी मजबूरी में काम करना पड़ता है ,अपने सम्मान को खोते हुए अपने परिवार के साथ रहना पड़ता है या वृद्धाश्रम में अपनी मौत का इंतज़ार करना पड़ता है . ये आप पर है कि आप अपना शुमार चंद लोगों में करवाना चाहते है या अधिकांश लोगों में .
- सुबोध
www.saralservices.com
( one sim all recharge , MLM )
मेरी पुरानी और ताज़ा पोस्ट पढ़ने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करें
http://saralservices.blogspot.in/
No comments:
Post a Comment