रोटी,कपडा और मकान किसी व्यक्ति की मूलभूत आवश्यकताएं मानी जाती है . मैं इनमें एक आवश्यकता और जोडूंगा और वो है संवाद की - कम्युनिकेशन की ,जिसने इंसान को इंसान बनाया, मानवीय बनाया. इन आवश्यकताओं के अलावा आपकी जो भी ज़रूरतें पोस्ट 112 ,114 ,115 ,116 एवं 117 में छुटी है वे सब आवश्यक खाते में जायेगी . इस खाते में आपको अपनी कमाई का 50 % प्रतिशत तक खर्च करना है .इस खाते के बारें में इस पोस्ट में मैं ज्यादा कुछ नहीं लिखूंगा क्योंकि पोस्ट बहुत लम्बी हो जाएगी और शायद यही तो एक खाता है जो सबको व्यवस्थित करना आता है , इस व्यवस्थित से मेरा मतलब क़र्ज़ लेकर आवश्यकताएं पूरी करने से नहीं है .
जैसा कि मैंने अपनी पोस्ट 114 में आपको बताया था कि अपनी ज़रुरत के अनुसार आप किसी भी खाते में कम या ज्यादा कर सकते है ,हर खाते के रोल को, उपयोगिता को मैंने संक्षेप में आपको बता दिया है ,ये रोल ,उपयोगिता अपनी ज़रुरत के अनुसार आप डिटेल में जाकर समझे , पेपरवर्क करें ,फिर फाइनल करें कि किस खाते में कितना प्रतिशत आपने डालना है .
एक बात का ध्यान रखे अगर आप अपने लॉन की घास व्यवस्थित नहीं करते है तो वो बेतरतीब तरीके से बढ़कर आपकी लॉन की खूबसूरती बिगाड़ देती है यही बात पैसे को लेकर भी है ,अगर आप इसे व्यवस्थित,प्रबंधित नहीं करेंगे तो ये आपकी ज़िन्दगी की ख़ूबसूरती को बिगाड़ देगा. या तो आप इसे नियंत्रित करें नहीं तो आपकी कंडीशनिंग के अनुसार यह आपको नियंत्रित कर लेगा .
हो सकता है कुछ लोगों को ये झंझट का काम लगे ,उन्हें लगे इन सब से उनकी स्वतंत्रता, उनकी आज़ादी बाधित होगी,सीमित होगी - तो उनको मेरा जवाब है इस से आपकी आज़ादी बाधित नहीं होती बल्कि पैसे का सही तरीके से प्रबंध करने से आपको अंततः वित्तीय स्वतंत्रता मिल जाएगी जिस से आपको दुबारा मजबूरी में काम करने की ज़रुरत नहीं होगी- और मेरी नज़र में असली स्वतंत्रता , असली आज़ादी यही होती है .
- सुबोध
www.saralservices.com
( one sim all recharge ,MLM)
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http://saralservices.blogspot.in/
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एक बात का ध्यान रखे अगर आप अपने लॉन की घास व्यवस्थित नहीं करते है तो वो बेतरतीब तरीके से बढ़कर आपकी लॉन की खूबसूरती बिगाड़ देती है यही बात पैसे को लेकर भी है ,अगर आप इसे व्यवस्थित,प्रबंधित नहीं करेंगे तो ये आपकी ज़िन्दगी की ख़ूबसूरती को बिगाड़ देगा. या तो आप इसे नियंत्रित करें नहीं तो आपकी कंडीशनिंग के अनुसार यह आपको नियंत्रित कर लेगा .
हो सकता है कुछ लोगों को ये झंझट का काम लगे ,उन्हें लगे इन सब से उनकी स्वतंत्रता, उनकी आज़ादी बाधित होगी,सीमित होगी - तो उनको मेरा जवाब है इस से आपकी आज़ादी बाधित नहीं होती बल्कि पैसे का सही तरीके से प्रबंध करने से आपको अंततः वित्तीय स्वतंत्रता मिल जाएगी जिस से आपको दुबारा मजबूरी में काम करने की ज़रुरत नहीं होगी- और मेरी नज़र में असली स्वतंत्रता , असली आज़ादी यही होती है .
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