गरीब असफलता के डर से सिस्टम बनाने का रिस्क न लेकर किसी और के सिस्टम के लिए काम करने का चुनाव करता है यानि किसी और को अमीर बनाने का चुनाव करता है .गरीब का डर अमीर के लिए रिवॉर्ड होता है. गरीब अपनी अधूरी समझ की वजह से यह समझता है कि अमीर का सिस्टम उसका शोषण करता है जबकि हकीकत में गरीब खुद अपना शोषण करता है. अपनी तथाकथित सुरक्षा के लिए वह कम मजदूरी पर भी कार्य करता रहता है ज्यादा हताश होने पर वो अपना जॉब बदलता है ,बॉस बदलता है लेकिन खुद के सोचने के तरीके को नहीं बदलता है .उसने सिर्फ पैसे के लिए,सिस्टम के लिए काम करना सीखा हुआ है और अधूरी शिक्षा की कीमत वो अपनी पूरी जिंदगी चुकाता रहता है काश उसने पैसे से अपने लिए काम करवाना सीखा होता या असफलता के डर को मैनेज करना सीखा होता , सिस्टम के लिए काम करना सीखने की बजाय सिस्टम बनाना सीखा होता .
-सुबोध
(one sim all recharge)
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