75. सही या गलत -निर्णय आपका !
अमीर लोग दूसरों का समय खरीदते है .
अगर उसके बनाये हुए सिस्टम में 500 एम्प्लोयी है तो वो 1 लाख घंटे समय प्रति माह खरीद रहा है .(एक एम्प्लोयी 8 घंटे कार्य करता है महीने में एवरेज 25 दिन पकडे गए है यानि कुल 200 घंटे कार्य किया है )
इसी उदाहरण को अलग तरीके से समझे - अगर एक घंटे की एम्प्लोयी की उत्पादकता 300 रुपये है तो उसको 100 रुपये दिए जाते है (एक एम्प्लोयी 8 घंटे कार्य करता है महीने में 25 दिन पकडे गए है यानि कुल 200 घंटे कार्य किया है और 100 रुपये घंटे के हिसाब से उसे 20,000 रुपये महीने के मिलते है ) यानि 200 रुपये प्रति घंटे पर बचे अब अगर उसके सिस्टम में 1 लाख घंटे कार्य हो रहा है तो उसे 2 करोड़ रुपये बच जाते है- यह एक साधारण सा उदाहरण है और लेबर से मैनेजर तक की एक एवरेज कॉस्ट पकड़ी गई है.अलग-अलग बिज़नेस सिस्टम में अलग-अलग मार्जिन रेश्यो होते है.
इनकम का सिंपल सा फार्मूला एक एम्प्लोयी के लिए जो होता है वो ये है कि टाइम मल्टीप्लाई बाई रेट यानि कितने घंटे काम किया और किस रेट में काम किया जबकि सिस्टम के मालिक के लिए ये फार्मूला बदल जाता है कि नेट मार्जिन आन टाइम मल्टीप्लाई बाई क्वांटिटी ऑफ़ टाइम यानी प्रति घंटे नेट मार्जिन क्या है और कितने घंटे काम हुआ है .
ये कुछ बोझिल उदाहरण है लेकिन अगर अमीर बनना है तो इन्हे समझे और बराबर समझे कि सिस्टम बनाने में एक बिजनेसमैन ने एक टाइम जमकर मेहनत की ,सिस्टम जब तैयार हो गया तो खुद साइड में हट गया , और रेजिड्यूअल इनकम लेने लगा .ऐसे ही कई सिस्टम से उसे इनकम आती है .
पुनश्च: - अगर आपने मेरी पूर्व की पोस्ट्स नहीं पढ़ी है तो आपको ये पोस्ट समझने में दिक्कत आ सकती है , मेरा आपसे दुबारा आग्रह है कि मेरे पेज पर जाकर मेरी पूरी पोस्ट पढ़ने के बाद ही कोई कमेंट करें . माफ़ करें मेरा ये मानना है कि स्थिति से पूरी तरह वाकिफ हुए बिना कमेंट करना बेवकूफी होती है - मेरे ख्याल से आप भी यही सोचते है.
सुबोध
www.saralservices.com
(one sim all recharge)
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